Green Hydrogen: प्रतिवर्ष 50 लाख टन का प्रॉडक्शन बढ़ाने का प्लान! देखो किसे होगा फायदा

Green Hydrogen Stocks

Green Hydrogen Production

दोस्तों इस लेख मई Green Hydrogen के बारे में जानने वाले है| Green Hydrogen में अभी के समय में ग्रीन अमोनिया की उत्पादन क्षमता 5.5 लाख टन प्रति वर्ष था। जिसे अब 2A के तहत संशोधित करके 7.5 लाख टन प्रतिवर्ष करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अर्थात गिरी निमोनिया के एलोकेशन में प्रतिवर्ष 2 लाख टन की वृद्धि की जाएगी।  भारत सरकार का ग्रीन हाइड्रोजन के ज्यादा से ज्यादा उत्पादन करने का लक्ष्य है जिससे भारत में ऊर्जा की पूर्ति करने के लिए इसका आयात ना करना पड़े।

दोस्तों भारत सरकार ने 2047 तक ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन और भंडारण में भारत को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा है और 2050 तक कार्बन मुक्त ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है। आज के इस लेख में हम आपको ग्रीन हाइड्रोजन से जुड़े शेयरों के बारे में बताने वाले हैं। जिसमे आप निवेश कर अच्छा खासा मुनाफा बना सकते है. इसलिए दी गई जानकारी आखिरी तक पढे|

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Green Hydrogen सेक्टर की प्रमुख कंपनिया

Green Hydrogen Production

नेशनल Green Hydrogen मिशन के द्वारा आयोजित किए गए 22 जून को एक प्रोग्राम में मिनिस्ट्री ऑफ न्यू एंड रिन्युएबल एनर्जी के द्वारा कहा गया कि ग्रीन अमोनिया के आवंटन मैं आवश्यकताओं को देखते हुए वृद्धि करना चाहते हैं। जिसके लिए उन्होंने कहा है कि वे 2030 तक ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन को 50 लाख टन प्रतिवर्ष तक बढ़ाना चाहते हैं। 

मौजूदा समय में ग्रीन अमोनिया की उत्पादन क्षमता 5.5 लाख टन प्रति वर्ष है। जिसे मोड 2A के तहत संशोधित करके 7.5 लाख टन प्रतिवर्ष करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अर्थात गिरी निमोनिया के एलोकेशन में प्रतिवर्ष 2 लाख तन की वृद्धि की जाएगी। 

क्यों की जा रही बढ़ोतरी 

आखिर Green Hydrogen के प्रोडक्शन में बढ़ोतरी क्यू की जा रही है| 4 जनवरी 2023 को देश में राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को वित्त वर्ष 2029-30 की शुरुआत की गई थी जिसके लिए कुल 19,744 करोड रुपए के बजट को आवंटित किया गया था| देश में ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया की उत्पादन क्षमता और देश में ग्रीन फ्यूल को प्रमोट करने के लिए केंद्र सरकार ने 4 जनवरी 2023 को देश में राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को वित्त वर्ष 2029-30 की शुरुआत की गई थी।

और जिसके लिए कुल 19,744 करोड रुपए के बजट को आवंटित किया गया था। सरकार के द्वारा शुरू किए गए इस प्रोग्राम का प्रभाव देश की जनता में Green Hydrogen और ग्रीन अमोनिया को लेकर जागरूकता बढ़ती हुई देखी गई है जिससे देश में ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया मैं लगातार वृद्धि होती हुई देखी जा रही है।

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FAQ:

Green Hydrogen सेक्टर की प्रमुख कंपनिया कौनसी है?

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